तुमसे ना कोई शिकवा ना कोई गिला है,
मैं खुश हूँ उससे, जो तुमसे मिला है॥
मेरी राह के हमसफ़र तुम, नही हो तो क्या,
चंद क़दमों का साथ, तो मुझे मिला है॥
तुम्हे भूल जाना मुमकिन नही,
तुम्हे याद आऊं ये गवारा नही है,
कैसें कहें की हमें तुम्हारी जुस्तजू नही है,
मगर सच तो ये भी है, की तुम्हे हमारी जरूरत नही है..
मैं जानता हूँ मेरी राह की मंजिल नही,
मगर ये रास्ता भी तो हमने ख़ुद से चुना है ॥
इन्तजार हम तुम्हारा ताउम्र करेंगे,
तुम आओ या ना आओ, तुम्हारा फ़ैसला है।
अंधेरों में गुम होने का कोई गम नहीं मुझे,
तुम्हें रौशनी में ना देखूं, तो उसका गिला है॥
To be contd....
KP
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